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CPCB Central Pollution Control Board

Central Pollution Control Board

Introduction

      The Central Pollution Control Board is a statutory part of India which works under the Ministry of Environment, Forest and Climate Change. The Board was established on 22 September 1974 under the Water (Prevention and Control of Pollution) Act, 1974. This board consists of a chairperson who is appointed by the Appointees Committee of the Cabinets. At present, the chairperson of this division is Mr. Shiv Das Meena and member secretary is Dr. Prashant Gargava. To know CPCB better, you can use https://cpcb.nic.in/ (which is the official site of CPCB). 

      Its job is to provide field and technical services to the Ministry of Environment whose articles are contained in the Environment (Protection) Act, 1986.

      The Central Pollution Control Board has its headquarters at New Delhi and has 7 zonal offices and 05 laboratories. The Board also conducts environmental assessment and environmental experiments, and the Board takes responsibility for environmental legislation which takes responsibility for national standards. The Central Pollution Control Board also monitors the maintenance of water and air information and related information.

      Central Pollution Control Board has 07 zonal offices at Bengaluru, Kolkata, Shillong, Bhopal, Lucknow, Vadodara and one project office at Agra.

 

Functions of CPCB (at national levels)

  1. Advise the Central Govt. on any mater concerning prevention and control of water pollution and air pollution.
  2. Plan and execute nation-wide pollution control programs.
  3. Co-ordinate the activities of State Boards and Pollution Control Committees (PCCs).
  4. Provide technical assistance and guidance to the State Boards and PCCs.
  5. Carryout and sponsor investigation and research related to pollution control.
  6. Plan and organize training programs.
  7. Organize mass awareness programs.
  8. Collect, compile and publish technical and statistical data relating to water pollution and air pollution.
  9. Prepare manuals, codes and guidelines relating to treatment and disposal of wastes.
  10. Disseminate information in respect of matters relating to water and air pollution.
  11. Lay down and modify, water and air quality standards.
  12. Perform such other functions as and when prescribed by the Govt. of India.

 

 

 

 

सेंट्रल पोल्लुशन कन्ट्रोल बोर्ड

परिचय

केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण मंडल  भारत का  एक वैधानिक  हिस्सा है जो की Ministry of Environment, Forest and Climate Change के अंदर काम करता है।  इस मंडल  की स्थापना २२ सितम्बर १९७४  में  जल (प्रदुषण निवारण एवं नियंत्रण ) अधिनियम १९७४  [Water (Prevention and Control of Pollution) Act, 1974] के अंतर्गत हुआ था। 

इस  मंडल  में  चेयरपर्सन  होता है जिसकी नियुक्ति अपॉइंटमेंट्स समिति ऑफ़ थे कैबिनेट्स  के द्वारा होता है।  वर्त्तमान में इस मंडल के चेयरपर्सन श्री शिव दास मीणा और मेंबर सेक्रेटरी डॉ प्रशांत गार्गव  हैं। CPCB को और अच्छी तरह से जानने के लिए https://cpcb.nic.in/ (जो CPCB की सरकारी साइट है ) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका काम फील्ड  और टेक्निकल सेवाएं पर्यावरण मंत्रालय को पहुंचना है जिसका लेख पर्यावरण (संरक्षण ) एक्ट, १९८६  मैं है।

केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण मंडल  का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके ०७ जोनल कार्यालय  और ०५ प्रयोगशालाऐं  हैं।  यह मंडल पर्यावरण मूल्यांकन  और पर्यावरण से सम्बंधित  प्रयोग भी करते हैं और यह मंडल पर्यावरण कानून  जो राष्ट्रीय मानक की जिम्मेवारी लेता है। 

 केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण मंडल जल और हवा की जुणवक्ता बनाये रखने और उससे सम्बंधित जानकारी  की निगरानी भी करता है। केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण मंडल  ०७  जोनल कार्यालय बेंगलुरु , कोलकाता , शिलॉन्ग , भोपाल , लखनऊ , वड़ोदरा  और एक प्रोजेक्ट ऑफिस आगरा में है। 

केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण मंडल  के राष्ट्रीय स्तर के कार्य :

  • जल और वायु प्रदुषण की रोकथाम और नियंत्रण से सम्बंधित किसी भी मामले पर केंद्र सर्कार को सलाह देना।  
  • योजना और देशव्यापी प्रदुषण नियंत्रण कार्यक्रम को निष्पादित करना। 
  • राज्य मंडल और प्रदुषण नियंत्रण समिति की गतिविधियों का समन्वय करना। 
  • राज्य मंडल और प्रदुषण नियंत्रण समिति  को तकनिकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करना।  
  • प्रदुषण नियंत्रण से सम्बंधित जांच और अनुसंधान मै सहयोग करना । 
  • योजना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन। 
  • जान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना। 
  • जल और वायु प्रदुषण से सम्बंधित संकलन और प्रकाशन , तकनीकी और सांख्यिकीय डेटा एकत्र करना।  
  • कचरे के उपचार और निपटान से सम्बंधित मैन्युअल , कोड  और दिशानिर्देश तैयार करना।  
  • जल और वायु प्रदूषण से सम्बंधित मामलों से संबंध  मैं सुचना का प्रसार।  
  • जल और वायु की गुणवक्ता के मानक मै संशोधन करना।  
  • भारत सर्कार द्वारा निर्धारित और इस तरह के अन्य कार्य करना। 

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